Share

अफगानिस्तान के आखिरी यहूदी ने भी छोड़ा देश

by Ankit Swetav · September 10, 2021

मंगलवार को अफगानिस्तान के नए सरकार की घोषणा के बाद पूरी दुनिया चिंता में है। नई सरकार में कई ऐसे मंत्री हैं जिनका आतंकवाद से सीधा नाता है। मुल्लाह मोहम्मद हसन अखूंद को प्रधानमंत्री बनाया गया है। और मुल्लाह अब्दुल गनी बरादर को उप प्रधानमंत्री की उपाधि दी गई है। इस सरकार के कई बड़े नेता, जैसे, रक्षा मंत्री, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री ऐसे हैं जिनके नाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकी सूची में शामिल है। 

इन सबके बीच बुधवार को अफगानिस्तान से यहूदी धर्म का पूरी तरह से पलायन हो गया। देश में बचे आखिरी यहूदी जेबुलोन सीमेनटोव अफगानिस्तान की नई सरकार की घोषणा के बाद देश छोड़कर चले गए हैं। उनके साथ उनके अन्य 29 पड़ोसी भी देश से पलायन कर गए। 

अफगानिस्तान में हुआ यहूदियों का सम्पूर्ण पलायन

जेबुलोन सीमेनटोव अफगानिस्तान में अकेले यहूदी धर्म वाले व्यक्ति बचे थे। तालिबान के कब्जे के बाद कई यहूदियों ने देश छोड़ दिया था। 62 वर्ष के जेबुलोन एकमात्र ऐसे यहूदी थे जो अपने धर्म को बचाए रखने के लिए वहां रहने को तैयार थे। मगर लोगों के बताने के बाद कि उनके जान पर खतरा है, वह भी देश छोड़कर चले गए। देश छोड़ते वक्त उन्होंने कोषेर रखा और हिब्रू में प्रार्थना की। 

उनके जाने का इंतजाम करने वाले एक निजी सुरक्षा समूह के मालिक, इजराइली – अमेरिकी व्यवसायी मोती कहाना ने एसोसिएटेड प्रेस से हुई आधिकारिक बातचीत में बताया कि, “62 वर्षीय सीमेनटोव और उनके 29 पड़ोसियों, जिनमें से लगभग सभी (महिलाएं और बच्चे हैं) को ले जाया जा चुका है। उन्हें एक पड़ोसी देश में भेज दिया गया है।”

आगे उन्होंने बताया, “मेरा समूह सीमेनटोव के लिए एक स्थाई घर खोजने के लिए अमेरिका और इजरायल के अधिकारियों के पास पहुंच रहा है, जिनकी पत्नी और बच्चे इजराइल में रहते हैं।”

यहूदियों का रहा है अफगानिस्तान से पुराना नाता

यहूदी धर्म दुनिया के सबसे प्राचीन धर्मों में से एक है। यह ना केवल धर्म है बल्कि एक पूरी जीवन – पद्धति है जो इजरायल और हिब्रू भाषियों का राजधर्म है। उत्तरी अफ़गानिस्तान की गुफाओं से मिली हिब्रू भाषा की पांडुलिपियों से यह पता लगता है कि उस जगह, करीब 1,000 साल पहले, संपन्न यहूदी समुदाय रहता था। 19वीं शताब्दी के अंत तक अफगानिस्तान में लगभग 40,000 यहूदी मौजूद थे। मगर 1948 में इजरायल के पलायन के साथ-साथ इस समुदाय का पतन भी शुरू हो गया  था ।

 

Browse

You may also like