Share

सपा मे शामिल हुए मुख़्तार अंसारी के बड़े भाई

by Team TH · August 29, 2021

अखिलेश यादव ने 2017 के चुनावों के परिणामों के बाद पार्टी में और खुद में बदलाव किया है। उनकी समझ मे ये आ रहा है की जनता के सामने रहोगे तो ही वोट मिलेगा। इसलिए वो बड़े प्रयोग करने से पीछे नहीं हट रहे हैं। बसपा के विधायक असलम चौधरी की पत्नी को ज़िला पंचायत चुनाव लड़ाना हो या बागपत में जयंत चौधरी को फ्री हैंड दे कर सीट जीत लेना हो।

अखिलेश यादव भाजपा को राज्य में कमज़ोर करने के लिए ये नीतियां अपना रहे हैं। इसी लिस्ट में उन्होंने अब यूपी के मऊ से विधायक और बाहुबली मुख्तार अंसारी के भाई को पार्टी में शामिल कराकर खुद को मज़बूत करने का काम किया है। कौन है ये पूर्व विधायक भाई,आइये इस बारे में जान लेते हैं।

पूर्व विधायक और उनके बेटे पार्टी में शामिल

गाज़ीपुर ज़िलें की मुहम्मदाबाद विधानसभा सीट से दो बार विधायक रहें सिबगतुल्लाह अंसारी ने अखिलेश यादव की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ें मुख्तार अंसारी के भाई 2007 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर इस सीट से विधायक रहे हैं।

वहीं 2012 में क़ौमी एकता दल के टिकट पर वो विधानसभा पहुंचे थे,लेकिन 2017 में समाजवादी पार्टी में आने की फिर से कोशिश के बावजूद अखिलेश यादव ने उन्हें पार्टी में नहीं लिया था इसलिए वो 2017 में अफ़ज़ाल अंसारी के साथ बहन जी की पार्टी में शामिल हो गए थे।

बहन जी ने सिबगतुल्लाह को मुहम्मदाबाद से, मुख्तार अंसारी को मऊ से और मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी को घोसी विधानसभा से टिकट दिया था। लेकिन जीत सिर्फ मुख्तार ही पाए थे। 2019 में सपा-बसपा के टिकट पर सिबगतुल्लाह के भाई अफ़ज़ाल अंसारी लोकसभा चुनाव जीत कर संसद पहुंचे थे।

अब खबर ये है कि अखिलेश यादव सिबगतुल्लाह को मुहम्मदबाद से विधानसभा का प्रत्याशी बना सकते हैं। क़रीबन 29 हज़ार वोटों से हारने वाले पूर्व विधायक समाजवादी पार्टी को ये सीट फिर से जीत कर दे पाएंगे या नहीं ये अभी देखना दिलचस्प होगा।

अखिलेश यादव क्या रणनीति अपना रहे हैं

फिलहाल अखिलेश यादव भाजपा के बीते साढ़े 4 साल के कार्यकाल को जनता के सामने पेश करते हुए अपने कार्यकाल से मिला रहे हैं। इसके अलावा खुद को यूपी का सबसे बड़ा विपक्षी चेहरे की तरह घोषित कर रहे हैं। क्योंकि युवा वर्ग के सामने अपनी विकास वाली छवि दिखाकर अखिलेश यादव भाजपा को मात देना चाहते हैं।

Browse

You may also like