Share

“नदिया के पार” से हुईं थी मशहूर, अब हालात से हैं मजबूर

by Ankit Swetav · July 22, 2021

सन् 1982 में आई एक फिल्म ‘नदियां के पार’ काफी ब्लॉकबस्टर फिल्म मानी जाती है। आज भी लोगों के दिल और दिमाग में इस फिल्म के बेहतरीन कलाकार और शानदार गाने बसे हुए है। गूंजा, चंदन, रज्जो, काकी, जैसे कई किरदार थे जो आज भी लोगों को याद है। फिल्म, उस वक्त में, लगभग 6 महीने तक परदे पर से उतरने का नाम नहीं लेती थी। मगर सच कहा गया है, समय बदलते देर नहीं लगती है।

फिल्म की ही अभिनेत्री सविता बजाज की आर्थिक और स्वास्थ्य स्थिति काफी खराब चल रही है। बीमारी के इलाज के चक्कर में उन्हें आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ रहा है। कल तक नदिया के पार, बेटा हो तो ऐसा और निशांत जैसे ब्लॉकबस्टर्स देने वाली सविता आज आईसीयू के ऑक्सीजन सपोर्ट के सहारे ज़िंदा है।

सविता को कौन सी बीमारी है?

सविता बजाज पहले कोरोना से लड़कर किसी तरह सामान्य हुई थी। उसके बाद कुछ दिन पहले से उन्हें सांस लेने में समस्या होने लगी है। उन्हें काफी तेज बुखार और खासी भी है।

अभी केवल एक ऑक्सीजन सपोर्ट के सहारे ही जिंदा है वो। इसके लिए वो आर्थिक रूप से काफी कमजोर पड़ चुकी है।

‘साथ देने को कोई नहीं है पास’ – सविता बजाज

आज तक चैनल के सविता से बातचीत के बाद उनका दुःख जग जाहिर हुआ। उन्होंने बातचीत के दौरान बताया कि, “मेरी स्थिति बहुत खराब है और मेरे पास देखभाल करने वाला कोई नहीं है। 25 साल पहले मैंने अपने होमटाउन दिल्ली जाने का फैसला किया था मगर वहां भी मेरे परिजन मुझे रखने को तैयार नहीं थे। मैंने काफी पैसे कमाए थे मगर सब कुछ इलाज के चक्कर में खर्च हो गया है। बैंक में केवल 35 हजार थे, वो भी मैं निकाल चुकीं हूं।”

एंबुलेंस के स्ट्रेचर पर लेटी सविता अपनी स्वास्थ्य और आर्थिक लाचारी का दुःख बयान करते हुए हॉस्पिटल स्टाफ से मौत की भींख मांगने लगी थी। उनका कहना था, “गला घोंटकर मुझे मार दे, मैं ऐसी जिंदगी नहीं जीना चाहती हूं। इस दुनिया में मेरा कोई नहीं बचा है।”

सिंटा और राइटर्स एसोसिएशन कर रहा आर्थिक मदद

आज तक से हुई बात में सविता ने आगे बताया कि, “राइटर्स एसोसिएशन और सीने एंड टेलीविजन एसोसिएशन (सिंटा) की तरफ से मिल रही मदद से ही मेरा गुजारा चल पा रहा है। राइटर्स एसोसिएशन से 2 हजार रुपए और सिंटा की तरफ से 5 हजार रूपए की मदद मुझे मिलती है।”

सुप्रिया पिलगौंकर आई मदद को सामने

अभिनेत्री नुपुर अलंकार की सविता बजाज की देखभाल कर रहा है। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि, “सुप्रिया पिलगौंकर भी सविता के मदद के लिए आगे आई है। उनके द्वारा की गई मदद से ही हम हॉस्पिटल के बिल का भुगतान कर रहे है।”

सुप्रिया अपने मानव कर्तव्य का पालन करते हुए सविता की मदद के लिए आगे आई है।

सचिन पिलगौंकर का पूरे मुद्दे पर विचार

नदियां के पार के लीड सचिन पिलगौंकर उर्फ चंदन ने पूरे मामले पर अपना भी नजरिया सामने रखा है। टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि, “सिंटा के पास जानकारी आने ने थोड़ी देरी हुई, मगर अब उनकी सहायता में कोई कमी नहीं होगी। लेकिन लोगों को जीवन में सेविंग्स भी करनी चाहिए। कब किसके साथ क्या होगा कोई नहीं जानता है। सेविंग्स करने से ऐसी स्थिति ही नहीं आती। अगर कोई दूसरे पर 1 उंगली उठाता है तो 4 उंगली वह खुद की तरफ उठाता है।”

Browse

You may also like