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हमने बलात्कार को भी हिंदू मुसलमान कर दिया है

by Abhisar Sharma · December 1, 2019

क्या कोई ऐसी हद्द है, जहां तक भारतीय जनता पार्टी गिर नही सकती। क्या कोई ऐसा स्तर है, क्या कोई ऐसा निचला स्तर है, जहां तक भारतीय जनता पार्टी गिर नहीं सकती। मैं ये सब इसलिए कह रहा हूँ दोस्तों, क्योंकि तेलंगाना में एक जघन्य एक वीभत्स बलात्कार होता है, और उसके बाद उसे मौत के घाट उतार दिया जाता है।
मैं उस लड़की का नाम नहीं लूँगा अन्य पत्रकारों की तरह। मगर उस बलात्कार को भी भारतीय जनता पार्टी ने हिंदू मुस्लिम कर दिया है। आपके स्क्रीन पर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय का ट्वीट, ये जो उनका ट्वीट है। वो तेलंगाना के जो गृह मंत्री हैं,उनके वाहियात बयान के जवाब में आया है। जिसमें अमित मालवीय ये कह रहा है- सिर्फ़ उसने 100 नंबर डायल नहीं किया। इसका ये मतलब नहीं कि वो इस तरह से मारी जाए। जो मुख्य सस्पेक्ट है, वो एक मुसलमान है। अब हम देखते हैं, कि उस लड़की को न्याय मिलने में आप क्या करोगे।
यहाँ पर मैं आपको बताना चाहूँगा कि भारतीय जनता पार्टी ने बाक़ायदा एक प्रोपेगेंडा चलाया था। एक अभियान चलाया था ट्वीटर पर, जिसमें ये लगातार कहा जा रहा था कि बलात्कारी एक मुसलमान है। और उसके ज़रिए मुसलमानों पर लगातार हमला किया जा रहा था। ये बात अलग है, कि जो आरोपी पकड़े गए हैं उसमें एक मुसलमान है और तीन हिंदू हैं।

( साभार – ट्विटटर )

यही नहीं, आपके सामने एक और स्क्रीनशॉट है। ये कोई भारतीय जनता पार्टी का कोई छुटभैय्या नेता है, अनुज बाजपई इसका नाम है। ये यह कह रहा कि जो मुसलमान 1947 के बाद भारत में रुक गए थे। वही हिंदू लड़कियों का बलात्कार कर रहे हैं। वाकई दोस्तों इनके सोचने के तरीके पर, इनके बात करने के तरीके पर मुझे तरस आता है।

बात यहाँ तक नहीं रुकती है, राजा सिंह विवादास्पद विधायक राजा सिंह हैदराबाद से, ये भी क्या कह रहे हैं आपके सामने सक्रीन्स पर है। यानि एक के बाद एक बलात्कार पर को भी हिंदू मुस्लिम करने की कोशिश की जा रही है।

आज मैं आपके सामने कुछ सवाल रखना चाहूँगा दोस्तों! जब हम बलात्कार को हिंदू मुस्लिम कर देंगे न, अपराध से से उपजने वाला जो आक्रोश है या नाराजगी है। वहीं खत्म हो जायेगा। क्योंकि फिर पीड़ित हिंदू लड़की होगी, तब हमको गुस्सा आएगा। मगर पीड़ित जब मुसलमान लड़की होगी, तब हमें कुछ फ़र्क नहीं पड़ेगा। और इसकी ढेरों मिसालें हमारे सामने उभरकर सामने आ रही हैं। और इस सब की नुमाईंदगी बीजेपी लगातार कर रही है।

आपके सामने दोस्तों एक और खबर है, ये खबर झारखंड की है दोस्तों। यहाँ 12 लोगों ने एक लड़की का बलात्कार कर दिया। मैं आपको पढ़कर सुनाना चाहूँगा, दरअसल उन 12 लोगों के नाम क्या हैं। ये बारह के बारह लोग जो हैं, वो हिन्दू हैं – सुनील मुंडा, कुलदीप उरांव, सुनील उरांव, संदीप तिर्के, अजय मुंडा, राजन उरांव, नवीन उरांव, अमन उरांव, बसंत खचाप, रवि उरांव, रोहित उरांव और ऋषि उरांव। और इन्होंने एक हिंदू लड़की का बलात्कार किया था। क्या भारतीय जनता पार्टी ने इस लड़की के लिए आवाज़ बुलंद की। आप जानते हैं, क्यों नहीं की। इसलिए नहीं कि यहाँ बलात्कारी हिंदू थे, बल्कि इसलिए कि मामला झारखंड का था।
12 men in Jharkhand abduct girl at gunpoint, gangrape her in brick kiln
इनके लिए बलात्कार जैसे अपराध के मायने बदल जाते हैं, राज्य को देखकर, मज़हब को देखकर और नेता को देखकर। मसलन इस वक़्त आपके स्क्रीन पर ये दो चहरे हैं, कुलदीप सेंगर और स्वामी चिन्मयानन्द। एक पूर्व बीजेपी सांसद और एक पूर्व बीजेपी विधायक। इन दोनों को पार्टी से निकालने पर इनको कितनी मशक्कत करनी पड़ी। कुलदीप सिंह सेंगर का बलात्कार में नाम जब आया, उस नाम के सामने आने के दो साल बाद उसे पार्टी से निष्काषित किया गया। वो भी तब, जब पीड़ित का आधे से ज़्यादा परिवार मौत के घाट उतार दिया गया।
मैं आज सवाल पूछना चाहता हूँ, बीजेपी के उं तमाम भक्तों से कि क्या आपने कुलदीप सिंह सेंगर या फिर स्वामी चिनमयानंद के खिलाफ़ किसी प्रकार का कोई अभियान चलाया था। बटाईए ! क्या आपने इन लोगों के खिलाफ़ कोई अभियान चलाया था, क्योंकि यहाँ न सिर्फ़ बलात्कारी हिन्दू थे बल्कि पीड़ित, दोनों ही मामलों में पीड़ित लड़कियां हिन्दू थीं। अगड़ी जाति की हिन्दू लड़कियां। तब आपका खून क्यों नहीं खौला ? तब अमित मालवीय जैसे लोगों ने किसी तरह की कोई बहादुरी नहीं दिखाई थी। तब ये बिल्कुल खामोश रहे थे।

और आज मैं आपसे कुछ और सवाल पूछना चाहता हूँ, कुछ ऐसे सवाल जो आप लोगों को पसंद नहीं आएंगे। आपके मुंह में कड़वाहट भी भर सकते हैं। मगर जिस निर्भया का गैंगरेप हुआ था। उस नाबालिग को छोड़के, मैं उस नाबालिग का नाम नहीं ले सकता कानूनी वजहों से। बाकी 4 या 5 लोग थे। वो कौन थे बताईए ? वो सब के सब हिंदू थे। निठारी कांड जिसमें मासूम बच्चियों का बलात्कार और फिर उन्हे मौत के घाट उतार रहा था वो शख्स। सुरेन्द्र कोहली, वो कौन था मुझे बताईए। आज हम सबको खुदकों आईना दिखाने की ज़रूरत है।
क्योंकि हम बलात्कार को इस तरह से मज़हबों में बांटते रहेंगे, तो हम अपने देश की औरतों के साथ नाइंसाफी कर रहे हैं। हम जो ये ढोंग करते हैं, कि औरतें देवी का रूप हैं। क्योंकि हक़ीक़त में दोस्तों हमारा यही स्वरूप है। मैंने आपको बताया कि कुलदीप सिंह सेनाग्र और स्वामी चिनमयानन्द के मामले में पूरी तरह से खामोशी थी, अब एक और मामला।

आपके सक्रीन्स पर ये बलात्कारी राम-रहीम 20 साल की सज़ा मिली है इसको। मगर इस शख्स ने साक्षी महाराज ने क्या कहा आपको याद है। साक्षी महाराज ने कहा – कि जिस आदमी पर करोड़ों लोगों कि आस्था है, यानि राम-रहीम। वो दोषी कैसे हो सकता है। बावजूद इसके कि अदालत ने उसे 20 साल की सज़ा सुना दी थी। ये साक्षी महाराज जोकि सांसद है, उंन दो पीड़ितों की बात को मानने को राज़ी नहीं था। उसने ये बोला उंन दो औरतों की औक़ात क्या है? यहाँ पर भी पीड़ित हिंदू थी। मगर चूंकि बलात्कारी एक हिंदू था, एक तथाकथित हिंदू संत था। उसके चलते हमारा आक्रोश कहीं सामने उभर के नहीं आया।
आज हम सबको शर्म आनी चाहिए। मगर सवाल ये कि क्या हमको शर्म आएगी ? क्योंकि दोस्तों इसकी शुरुआत आजसे कुछ सालों पहले शुरू हो गई थी। जब कठुआ में एक आठ साल की मासूम का रेप होता है। और चूंकि उस व्यक्त आरोपी हिंदू थे, मैं इस व्यक्त आरोपी शब्द का इस्तेमाल कर रहा हूँ। इसलिए, क्योंकि जब भारतीय जनता पार्टी के दो मंत्रियों ने इन दो मंत्रियों ने रैली निकाली थी। उनके पक्ष में तब ये आरोपी थे। एक आठ साल की मासूम का रेप हो गया था दोस्तों। मगर तब भी इनका मन नहीं पसीजा था। तब भी बलात्कार को इन्होंने मज़हब में बाँट दिया था। तब भी इन्होंने बलात्कार को हिंदू और मुस्लिम कर दिया था। उसके बाद अदालत का फ़ैसला आया, और उस फ़ैसले में एक आदमी जो है बरी हो गया। मगर बाकी सारे गुनाहगार साबित हुए। और जब भारतीय जनता पार्टी ने ये शर्मनाक रैली निकाली थी जम्मू में, तब बीजेपी का कोई भी बड़ा नेता सामने उभर कर नहीं आया था, इसकी आलोचना करने के लिए। नेता तो बहुत दूर की बात है, अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर खामोश रहे थे। ये अपने आप में बहुत शर्म की बात है दोस्तों !
मैं नहीं भूला हूँ, कि किस तरह से इस सरकार के चाटूकार कठुआ और मंदसौर का फ़र्क हमें बता रहे थे। मंदसौर का जिक्र वो इसलिए कर रहे थे, क्योंकि मंदसौर में बलात्कार का आरोपी एक मुसलमान था। जिसने पाँच या छह साल की किसी मासूम का बलात्कार कर दिया था। मगर क्या आप जानते हैं, कि उस बलात्कारी के पक्ष में न कांग्रेस ने रैली निकलाई थी । न उस इलाके के मुसलमानों ने, बल्कि उस इलाके के मुसलमानों ने ये कहा था। कि जब ये मार जाएगा, तो हम इसे सुपुर्दे खाक करने के लिए दो गज जमीन भी नहीं देंगे।

मगर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने क्या किया ? इन्होंने बलाकारियों के पक्ष में रैली निकाली, एक बार नहीं कई बार। चलिए आपने आसिफ़ा के मामले में रैली निकाली हो, मगर कुलदीप सिंह सेंगर के मामले में। पूरी योगी सरकार कुलदीप सिंह सेंगर के पीछे खड़ी थी। स्वामी चिन्मयानन्द के मामले में, स्वामी चिन्मयानन्द एक एयरकन्डीशंड अस्पताल में अपना इलाज करवाता रहा, मगर जो बलात्कार की पीड़िता थी उसे जेल में डाल दिया गया। वो अपना एग्ज़ाम तक नहीं दे पाई। ब्लैकमेल का आरोप, उसके बाद राम रहीम, बात चुका हूँ मैं आपको। राम रहीम को डिफ़ेंड कर रहे थे भारतीय जनता पार्टी के माननीय सांसद, मंत्री और विधायक।
इसलिए मैंने आपसे कहा दोस्तों, हम किस हद तक गिरेंगे ? क्योंकि आप इस तरह की बातें करते हैं, तो ये मत सोचिए कि आप किसी मुसलमान की तौहीन कर रहे हैं। या हिंदू धर्म को ऊंचा मुकाम दे रहे हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं है दोस्तों । आप मेरे धर्म को, क्योंकि मैं एक प्रैक्टिसिंग हिंदू हूँ, मैं एक शिवभक्त हूँ, आप मेरे धर्म की तौहीन कर रहे हैं। और ये करने का अधिकार आपको क़तई नहीं है।
आप इस देश की महिलाओं की तौहीन कर रहे हैं, इस देश की औरत की तौहीन कर रहे हैं। अगर आप मज़हबों में इसकी इज्ज़त को बांटेंगे, तो शर्म आनी चाहिये आपको। मगर आपको शर्म भी नहीं आएगी। क्योंकि आँखों में जो हया का पर्दा है न , न जाने हमने उसे कितने दिनों पहले नोच गए हैं। नोच कर कहा गए हैं, ये हमारी हक़ीक़त है। हमने बलात्कार को भी मज़हब में बाँट दिया है। रिपीट – हमने बलात्कार को भी हिंदू मुसलमान कर दिया है। बीजेपी ने बलात्कार को भी मज़हबी कर दिया है।

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