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प्रधानमंत्री गाय के लिए तो संवेदना रखते है परंतु अखलाक, पहलू, जुनेद के लिए नही

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मुझे गर्व है की हमारे पास ऐसे प्रधानमंत्री है जो प्रत्येक जीव मात्र के लिए संवेदनाओं से भरे हुए है । हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की संवेदनाओं का में कायल हु । हमारे प्रधानमंत्री जी से एक बार पत्रकार ने 2002 गुजरात दंगों पर कुछ प्रश्न पूछा तो जवाब में मोदी जी ने कहा कि जब एक कार के नीचे कुत्ता भी आजाता है तो मुझे दर्द महसूस होता है । अब बताए प्रधानमंत्री कितने संवेदनशील व्यक्ति है ।
परंतु पिछले कुछ दिनों से में अपने पुराने मोदीजी को खोजने की कोशिश कर रहा हु, वो मोदीजी कही खो से गए, लाख जतन कर रहा हूं परंतु मिल नही रहे । हमारे प्रधानमंत्री जी गाय पर तो आंसू बहा सकते है परंतु पहलू, अखलाक, जुनैद पर चुप्पी साध लेते है । मुझे बड़ा आश्चर्य होता है कि जो प्रधानमंत्री गाय, कुत्तो पर आंसू बहाते थे वो आज इंसान की मौत पर क्यो असीम मौन धारण किये हुए है ।
नोटेबन्दि के समय प्रधानमंत्री जापान में हस्ते हुए देखे गए और बोल रहे थे देश मे लोग शादी करना चाहते है और पैसे ही नही है और फिर एक जोरदार ठहाका लगाने से नही चुके, मजे की बात तो यह है कि उसके 2 दिन बाद भी गोआ गए तो फुट फुट कर रोने लगे देश की जनता को समस्या में देख। एक ही मुद्दे पर किसी व्यक्ति की दो संवेदनाए मेने पहली बार देखी ।
अपने सारे कुकर्मो को प्रधानमंत्री कुछ इस तरह धो लेते है।
देश आक्रोशित होता है तो फुट फुट कर रो लेते है ।।
कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री जी ने अपने भाषण में एक हादसे का जिक्र किया कि एक 4 वर्षीय बच्चा एक गाय के नीचे आ गया और देहांत हो गया और गाय ने भी उस बच्चे के घर के सामने अपना जीवन त्याग दिया, हमारे प्रधानमंत्री चार वर्षीय बच्चे के लिए बेहद दुखी थे परंतु उस गाय के लिए उससे भी ज्यादा दुखी थे, उनकी इसी संवेदना का कायल शायद पूरा देश होगा पर यही संवेदना जब पहलू, अखलाक और जुनैद के लिए नही उमड़ती तो देश आक्रोशित भी बहुत होगा ।