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ट्रिपल तलाक़ बिल के विरोध में भाजपा की सहयोगी पार्टियाँ

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एक साथ तीन तलाक को अपराध घोषित करने के बिल पर बुधवार को राज्यसभा में खासा हंगामा हुआ. सरकार जहां इस पर बहस और विधेयक पारित कराने की मशक्कत करती रही, वहीं विपक्ष एकजुट होकर इसे प्रवर समिति को भेजने पर अड़ा रहा.

  • मोदी सरकार ने तीन तलाक को जुर्म घोषित कर इसके लिए सजा मुकर्रर करने संबंधी विधेयक को राज्यसभा में पेश किया है, लेकिन लोकसभा की तर्ज पर इसे उच्च सदन राज्यसभा में पास कराना आसान नहीं लग रहा है.
  • दिलचस्प  बात यह रही  कि,  लोकसभा में इस विधेयक को पारित होने देने वाली कांग्रेस भी राज्यसभा में इसे प्रवर समिति को भेजने पर अड़ गई. उसने मत विभाजन की मांग भी कर दी.  काफी देर हंगामे के बाद कार्यवाही पूरे दिन के लिए टल गई. तीन तलाक विधेयक को सेलेक्ट कमेटी को भेजने के लिए राज्यसभा में कांग्रेस सहित सभी विपक्ष एकजुट नजर आए तो वहीं सत्ताधारी एनडीए में फूट नजर आई.
  • केंद्र सरकार राज्यसभा में एक बार फिर आज तीन तलाक बिल को पास कराने की कोशिश करेगी. हालांकि इसमें सफलता मिलने की उम्मीद बहुत कम है.
  • राज्यसभा में मोदी सरकार के पास पर्याप्त संख्या नहीं है और विपक्ष अपने इस रुख पर कायम है. इसके अलावा बीजेपी के कई सहयोगी दलों की राह जुदा है.
  • विपक्ष के साथ-साथ सहयोगी दल भी चाहते हैं कि इस बिल में तमाम खामियां हैं और उसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए.
  • एनडीए की सहयोगी दल भी ट्रिपल तलाक के मसले पर सरकार का साथ नहीं हैं.
  • कांग्रेस, एसपी, टीएमसी, डीएमके, एनसीपी, सीपीआई और सीपीएम सहित अन्य पार्टियों के अलावा टीडीपी ने भी इस बिल पर आपत्तियों के खिलाफ विपक्षी एकता का साथ दिया.
  • विपक्ष ने दावा किया कि विधेयक में खामियां है और इसे सिलेक्ट कमिटी में इस विधेयक पर व्यापक चर्चा होगी.