अगर Ok Google बोला तो हो सकता है आपकी निजी जानकारी को खतरा

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आज इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी (Information And Technology) के ज़माने में एक व्यक्ति के लिए उसका डेटा किसी संपत्ति से कम नहीं है। आज आमूमन हर घर में स्मार्टफोन है और इन स्मार्टफोनों को बिना गूगल का एक्सेस दिए, इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। आज इंटरनेट से जुड़ी सारी सुविधाएं गूगल के बिना मुमकिन ही नहीं है। लेकिन अब गूगल आपके डाटा पर सेंध लगाए हुए है।

दरअसल, गूगल असिस्टेंट के लॉन्च होने के बाद से ही लोग इसका उपयोग कर रहे हैं। पर अब ये बात सामने आ रही है कि जब भी आप अपने फोन पर गूगल असिस्टेंट को शुरू करने के लिए ‘ओके गूगल’ बोलते हैं, तो इसे केवल वो डिवाइस नहीं, बल्कि गूगल के कर्मचारी भी सुनते हैं।

गूगल ने खुद माना कि सुनता है लोगों की बातें

सूचना प्रौद्योगिकी पर शशि थरूर की अध्यक्षता वाली संसद की स्थाई समिति में गूगल ने खुद ये बता स्वीकार की है कि उसके कर्मचारी लोगों की बाते सुनते हैं। गूगल ने जवाई रिपोर्ट ने कहा है कि कई बार ऐसा भी होता है, जब यूजर्स वर्चुअल असिस्टेंट का इस्तेमाल भी नहीं करते, लेकिन फिर भी इस दौरान उनकी बातों को रिकॉर्ड किया जाता है।

सिर्फ इतना ही नहीं, रिकॉर्ड किये इस डेटा को डिलीट भी नहीं किया जाता। हालांकि यूजर्स की ओर से डाटा डिलीट करने की अपील पर उसे डिलीट कर दिया जाता है। गूगल ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि स्पीच रिकॉग्निशन (आवाज की पहचान) के फीचर को बेहतर बनाने के लिए कर्मचारी गूगल असिस्टेंट को मिलने वाले वॉयस कमांड को सुनते हैं।

हम केवल सामान्य बातचीत सुनते हैं: गूगल

गूगल ने अपनी रिपोर्ट में दलील देते हुए ये भी कहा कि हम यूजर्स की केवल सामान्य बातचीत ही सुनते हैं और उसी की रिकॉर्डिंग की जाती है। अपने कंज्यूमर्स की कोई भी संवेदनशील जानकारी न तो हम सुनते हैं, और न ही उसे रिकॉर्ड करते हैं। परंतु गूगल यह बात साफ नहीं कर पाया कि वो सामान्य और संवेदनशील जानकारियों में फर्क कैसे करता है। वहीं संसदीय समिति ने इसे यूजर्स की गोपनीयता का गंभीर उल्लंघन माना है।

लिंकडिन से हुआ 70 करोड़ लोगों का लीक

आपको बता दें कि हाल ही में लिंकडिन (LinkedIn) के 70 करोड़ यूजर्स का डेटा लीक हो चुका है। इनमें लिंकडिन के करीब 92 फीसदी यूजर्स शामिल हैं। अभी भी डेटा लीक करने वाले हैकर्स के बारे में कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है। लीक हो चुके इस डेटा में लिंकडिन यूजर्स के फोन नंबर, एड्रेस, लोकेशन और सैलरी जैसी निजी जानकारी शामिल हैं।