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PNB से लोन लेकर, लाल बहादुर शास्त्री ने खरीदी थी कार

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नीरव मोदी की वजह से आजकल पंजाब नेशनल बैंक की काफी किरकिरी हो रही है.ये वही बैंक है जिसे पूर्णरूप से पहला भारतीय बैंक होने का गौरव प्राप्त है.जहाँ लोग नीरव मोदी को धोखाधड़ी की मिसाल दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पीएनबी के ग्राहक रहे पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की ईमानदारी का उदाहरण भी दिया जा सकता है.
सादगी की प्रतिमूर्ति पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के सार्वजनिक, राजनीतिक और निजी जीवन से जुड़ी कई घटनाओं की आज भी मिसालें दी जाती हैं.
प्रधानमंत्री बनने तक शास्‍त्री जी के पास न ही अपना घर था और न ही कार.उन्होंने कभी प्रधानमंत्री को दी गई सरकारी गाड़ी का उपयोग अपने निजी काम के लिए नहीं किया. एक बार उनके बेटे ने गाड़ी का उपयोग कर लिया था तो शास्त्री जी ने इसे आधिकारिक रूप ने नोट करवाया और गाड़ी के उपयोग से होने वाले खर्च को जोड़कर उतना पैसा सरकारी खजाने में जमा करवाया.
निजी आवागमन में दिक्कत होने के बाद पत्नी और बच्चों के बहुत जोर देने पर लोन लेकर एक फ़िएट कार खरीदी थी.उस वक्‍त एक फ़िएट कार 12,000 रुपए में आती थी.शास्‍त्री जी का बैंक बैलेंस मात्र 7,000 रुपए था. उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक से कार ख़रीदने के लिए 5,000 रुपए का लोन लिया.एक साल बाद लोन चुकाने से पहले ही उनकी मौत हो गई.इसके बाद वह लोन उनकी पत्‍नी ललिता शास्‍त्री ने चुकाया.शास्‍त्री जी के बाद प्रधानमंत्री बनीं इंदिरा गाँधी ने सरकार की ओर से लोन माफ़ करने की पेशकश की लेकिन ललिता शास्त्री ने इसे स्वीकार नहीं किया और उनकी मौत के चार साल बाद तक अपनी पेंशन से उस लोन को चुकाया.
यह कार अभी भी मौजूद है और फिलहाल दिल्ली के लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल में रखी हुई है.आज भी दूर- दूर से लोग इसे देखने आते हैं.