यूपी में अभी और जगहों के नाम बदले जाएंगे

Share
  • अलीगढ़ और फिरोजाबाद के बाद अब मिर्जापुर की बारी
  • मुगलसराय, इलाहाबाद और फैज़ाबाद का पहले ही हो चुका है पुनः नामकरण

पिछले 3 सालों में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने तीन बड़े और महत्वपूर्ण जगहों के नाम बदल दिए हैं। योगी सरकार की इस योजना से यही लगता है कि इनके राज में प्रदेश में एक भी ऐसी जगह नहीं छोड़ी जाएगी जिसके नाम का कहीं से भी “मुस्लिम” से वास्ता हो।

अलीगढ़ और फिरोजाबाद के पुनः नामकरण का प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेजे जाने और जिला पंचायत की बैठक में प्रस्ताव पारित होने के बाद अब इस लिस्ट में कुछ और नाम जोड़ने की चर्चा है। अब मिर्जापुर और उन्नाव के मियागंज का नाम बदलने की मांग की गई है। इससे संबंधित प्रस्ताव प्रदेश सरकार के पास पहुंच चुकी है।

मिर्जापुर को बनाया जाएगा विंध्यधाम

प्रदेश सरकार में मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल ने मिर्जापुर जिले का नाम बदलकर विंध्यधाम करने की मांग उठाई है। विंध्यधाम नाम माता विंध्यवासिनी के कारण दिया जाएगा। इस प्रस्ताव को कई आम लोग और कुछ प्रोफेसर अपना समर्थन दे रहे हैं।

उनके मुताबिक, “पुनः नामकरण से मिर्जापुर को हर कोई पहचान पाएगा। आज लोग इसे विंध्यांचल धाम के नाम से जानते हैं, मिर्जापुर का नाम प्रदेश के बाहर उतना नहीं पहचाना जाता है।”

नाम बदलने के प्रस्ताव को प्रदेश सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा जा चुका है। पारित होने पर यह एक बड़े पुनः नामकारणों में से एक बन जाएगा।

मिर्जापुर का इतिहास

मिर्जापुर का नाम ईस्ट इंडिया कंपनी ने रखा था। इसका शाब्दिक अर्थ होता है ‘राजा का संतान’। मगर इस जगह को मिर्जापुर नाम इसलिए दिया गया क्योंकि यह ‘राजाओं का क्षेत्र’ माना जाता था। ब्रिटिश शासनकाल में कंपनी ने मध्य और उत्तर पूर्वी भारत के बीच अपने व्यापार के लिए एक बड़ा व्यापार केन्द्र स्थापित किया था। यहां बहुत बड़े पैमाने पर कपास और रेशम का व्यापार शुरू किया गया था। 1735 में लॉर्ड मरक्यूरियस ने कंपनी के इस व्यापार केंद्र को मिर्जापुर नाम से स्थापित किया।

मियागंज अब बन जाएगा मायागंज

उन्नाव जिले के मियागंज ब्लॉक का नाम बदलकर मायागंज करने का प्रस्ताव प्रदेश सरकार को दिया जा चुका है। उन्नाव के डीएम रविंद्र कुमार ने इस प्रस्ताव की सिफारिश सरकार के पास भेजी है। उन्नाव जिला पंचायत की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है।

बीते सोमवार को लिखे अपने पत्र में रविंद्र कुमार ने राज्य पंचायत राज विभाग के अपर मुख्य सचिव को नाम बदलने को लेकर सुझाव और जिला पंचायत प्रस्ताव की बात बताई।

2022 चुनाव की तैयारी में योगी सरकार

सीएम बनने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ ने पुनः नामकरण का सहारा चुनावी मैदान में लड़ने के लिए लिया है। चाहे वह पंचायत चुनाव हो या लोकसभा चुनाव, योगी सरकार हर बार कुछ जगहों के नाम बदलने की प्रक्रिया को तेज कर देती है।

योगी जी ने 2017 में प्रदेश में अपनी सरकार बनाने के बाद से ही कई अहम जगहों के नाम बदल दिए हैं। अगस्त 2018 में मुगलसराय को पंडित दीन दयाल उपाध्याय किया गया, अक्टूबर 2018 में इलाहाबाद को प्रयागराज किया गया और 2019 के अंत में फैजाबाद को अयोध्या किया गया।

अब तक किए गए हर एक बदलाव में योगी जी ने सिर्फ मुस्लिम नाम वाले जगहों को टारगेट करके उनका पुनः नामकरण किया है।