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म.प्र. में इन महिलाओं ने भाजपा को वोट न देने की ली शपथ

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मध्य प्रदेश में भाजपा की केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ विभिन्न संगठन लगातार भाजपा को वोट नहीं देने की शपथ ले रहे हैं. इससे पहले इटारसी की विजयलक्ष्मी आईटीआई और सिवनी मालवा में इस तरह की शपथ लेने के बाद सोमवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एकता यूनियन ने इस तरह को आयोजन किया.

क्या है मामला

बैतुल जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं ने सोमवार को कलेक्ट्रेट के सामने अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करने के दौरान बीजेपी को वोट न देने की शपथ ली. इसके पहले आईटीआई के बच्चों ने भी भाजपा को वोट ना देने की शपथ ली थी.इसके बाद इन्होंने अपनी लंबित मांगों को लेकर कलेक्टोरेट में ज्ञापन सौंपा.

क्या शपथ ली

“हम सच्चे दिल से ईश्वर के नाम की शपथ लेते हैं कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र की मोदी सरकार व प्रदेश की शिवराज सरकार एक जन विरोधी व असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, आशा, ऊषा कार्यकर्ताओं, रसोइया, स्कीम वर्कर्स, मेहनतकश महिलाओं की विरोधी सरकार है जिसने बहुत लंबे चौड़े, झूठे वादे कर सत्ता हथियाने का काम किया.”
“अब अपने वादे से पीछे हट हम महिलाओं का आर्थिक शोषण कर रही इस जन विरोधी सरकार के खिलाफ आगामी विधानसभा व लोकसभा चुनाव में मैं व मेरे परिवारजन, रिश्तेदार, करीबी, परिचित, दोस्तों के साथ भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ वोट करूंगी व अन्य लोगों से भी इस जन विरोधी भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ वोट करने के लिए कहूंगी, यह सच्चे दिल से ईश्वर के नाम की शपथ लेती हूं.”

भाजपा के खिलाफ वोट न देने के लिए सभी को प्रेरित करेंगे

जिलाध्यक्ष सुनीता राजपाल ने बताया केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार से अपनी मांगों को लेकर बार-बार प्रदर्शन कर ज्ञापन देने के बावजूद कोई कार्रवाई न किए जाने से नाराज होकर धरना स्थल पर कार्यकर्ताओं ने केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार के खिलाफ आगामी विधानसभा व लोकसभा चुनाव में वोट नहीं देने व अपने नाते रिश्तेदार मित्र, पड़ोसी व ग्रामवासियों को भाजपा के खिलाफ वोट न देने के लिए सभी को प्रेरित करेंगीं.

12 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने अपने 12 सूत्रीय मांगो के ज्ञापन में भारतीय श्रम सम्मेलन के 45वें सत्र का अनुमोदन को शीघ्र लागू करने, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कर्मियों सहित सभी योजना कर्मियों को श्रमिक के रूप में मान्यता दिए जाने, 18 हजार रुपए न्यूनतम वेतन दिए जाने व उपभोक्ता मूल सूचकांक से जोड़ने 3 हजार रुपए मासिक पेंशन, ग्रेच्युटी, भविष्यनिधि चिकित्सा सुविधा व अन्य सामाजिक सुरक्षा का लाभ दिए जाने की मांग रखी.