मोदी के CM से PM तक का सफर

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भारतीय राजनीति में 1947 के बाद से कई बड़े राजनेता आए और गए। मगर जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru), इंदिरा गांधी (Indira Gandhi), राजीव गांधी (Rajiv Gandhi), अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee), आदि कुछ ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्हें लोग आज भी याद रखते हैं। उनकी जितनी ही प्रसंसा हुई, उतनी ही आलोचना भी हुई। इनके द्वारा देश के लिए किए गए कार्य ज़्यादा महत्वपूर्ण थे। इन्हीं की विरासत को आगे बढ़ाने का काम नरेंद्र मोदी ने किया।

नरेंद्र दामोदरदास मोदी (Narendra Damodardas Modi) का जन्म आज के दिन सन् 1950 में गुजरात के छोटे से परिवार में हुआ था। मध्यम वर्गीय परिवार में पालन पोषण हुआ और आगे चलकर संघ के विचारधारा से जुड़ गए। 1985 में भाजपा से जुड़ने के बाद 2001 से गुजरात के 13 वर्ष तक मुख्यमंत्री रहे और 2014 के बाद से अब तक देश के प्रधानमंत्री के पद पर बैठे है। आज प्रधानमंत्री मोदी के 71वें जन्मदिन के अवसर पर वैक्सिनेशन का रिकॉर्ड बनाने के लिए भाजपा ने ‘ सेवा और समर्पण अभियान ‘ की शुरुआत की है।

व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी बातें

नरेंद्र दामोदरदास मोदी का जन्म गुजरात के महेसाना जिला के वडनगर गांव में हुआ था। अपने छः भाई बहनों में मोदी तीसरे नंबर पर है। पिता दामोदरदास मूलचंद मोदी उन दिनों स्टेशन पर चाय बेचने का काम करते थे। बालावस्था में मोदी ने अपने पिता का हाथ बंटाया और बाद में अपना खुद का चाय स्टॉल खोला। 13 वर्ष की छोटी सी उम्र में उनकी सगाई जसोदा बेन चमनलाल से कर दी गई। मगर महज 5 साल बाद ही उन्होंने अपनी पत्नी और अपना घर त्याग दिया और संघ की परंपरा में मग्न हो गए। शादी की बात उन्होंने हमेशा से गोपनीय रखी क्योंकि वह आरएसएस के एक सच्चे उपदेशक बने रहना चाहते थे।

उन्होंने अपनी शिक्षा वडनगर में रहकर ही पूरी की। 1980 में उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई पूरी की। एक औसत दर्जे के छात्र रहते हुए भी वह वाद विवाद और नाटक मंथन में सबसे आगे रहते थे। शुरू से ही उनमें एक नेता बनने की खूबी थी।

छात्र राजनीति से गुजरात के मुख्यमंत्री तक का सफर

मोदी महज 8 साल की छोटी सी उम्र में आर एस एस से जुड़ चुके थे। अपनी युवावस्था में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुड़े रहे। घर छोड़ने के बाद उन्होंने 2 साल तक भारत भ्रमण किया और अनेक धार्मिक स्थलों पर गए। 1971 में उन्हें आर एस एस का पूर्णकालिक कार्यकर्ता बनाया गया। 1985 में उन्हें उनके किए गए कार्यों के आधार पर भाजपा में शामिल किया गया। पार्टी से जुड़ने के बाद उन्होंने अपना पूरा समर्थन पार्टी को दिया। उनके पार्टी में आने के बाद देश में पहली बड़ी घटना सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक की रथयात्रा थी, जिसमें मोदी लाल कृष्ण आडवाणी के प्रमुख साथियों में से  एक थे। दूसरी बड़ी घटना थी कन्याकुमारी से कश्मीर तक की मुरली मनोहर जोशी की रथ यात्रा, जो नरेन्द्र मोदी के देखरेख में आयोजित हुई थी।

2001 में जब भुज में भूकंप आया तब मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा। पार्टी ने अपनी छवि बचाते हुए और केशुभाई पटेल के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री घोषित कर दिया। मोदी को पहला कार्यकाल बिना चुनाव लड़े मिल गया था। मगर 2002 में गुजरात में दंगे हो गए, इन दंगों में मोदी पर भी कई आरोप लगे। लेकिन बाद में उन्हें कोर्ट ने क्लीन चिट दे दी। वह 2001 से 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे।

मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री की कुर्सी तक का सफर

2014 में भाजपा ने मोदी के नेतृत्व में देश भर में लोकसभा चुनाव लड़ा। मोदी गुजरात के वडोदरा और उत्तर प्रदेश के वाराणसी से चुनाव मैदान में उतरे। उनके नेतृत्व में भाजपा ने 282 सीटों पर जीत हासिल की थी। मोदी अपने दोनों संसदीय सीटों पर भी जीत गए थे और पार्टी ने मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में पद स्थापित किया।

अगले लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने मोदी के नेतृत्व में पहले से भी ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करते हुए 303 सीटों पर जीत हासिल की। भाजपा के गठबंधन वाली एनडीए सरकार ने कुल 352 सीटें हासिल की थी। इसके बाद से आज तक मोदी देश के प्रधानमंत्री के पद पर स्थापित है।

भाजपा की मेगा तैयारी

क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी भाजपा के एक बहुत ही महत्वपूर्ण नेता है, इसलिए भाजपा ने उनके इस 71वें जन्मदिन की मेगा तैयारी की है। पार्टी देश भर में कई कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। भोपाल में मोदी के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर 71 फीट लंबे केक को काटकर जश्न मनाया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने देशवासियों को टीकाकरण में अधिक से अधिक योगदान देने की अपील की है। पार्टी ने 20 दिन के ‘सेवा और समर्पण अभियान’ की शुरुआत की है। इसमें वैक्सीनेशन के सारे रिकॉर्ड तोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।

 

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार आज प्रदेश के 71 किसानों और 71 सेना के जवानों को सम्मानित करेगी। मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में स्थित भारत माता मंदिर में आज से अगले 21 दिनों तक 71 हजार दिए जलाए जाएंगे। साथ ही गंगा नदी को 71 मीटर की चुनरी चढ़ाई जाएगी और सभी विधानसभा क्षेत्रों में 71 किलो लड्डू बांटे जाएंगे। इसके अलावा जिले के 71 प्रमुख मंदिरों में आरती का आयोजन भी किया जाएगा।