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विचार – प्रेम की ज्योति को जलाने की ज़रूरत है

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बदलते परिवेश में बहुत कुछ बदल चुका है संघर्ष के मायने ,सत्य का अर्थ सच्चाई ,अहिंसा सब कुछ अपने अपने वास्तविक अर्थो से परे हो गए है। हिंसा अब अहिंसा का अंग बन गई और असत्य अब सत्य से आगे चलता है।
भावना ,संवेदना सिर्फ दिखावे तक ही सीमित है ये सब व्यक्तिगत स्वार्थ के पीछे छुप गए । समय के बंधनों में इस कदर बंध गए कि मानवीय वास्तविकता तक पहुँच ही नही पाये। जाने पहचाने ये शब्द अपने भीतर मानव को एक दूसरे से जोड़ने वाली सच्चाई को समेटे हुए है। इनके अभाव में ये संसार ,मानव जीवन किसी माला के टूटे मोती की तरह बिखर जाएगा।
जीवन मे संघर्ष के वास्तविक मायनो को जानने के लिए सत्य और अहिंसा को जानना ज़रूरी है ये शब्द और इनके अर्थ एक दूसरे के पूरक की तरह काम करते है ये वह श्वेत शब्द है जिनको हर दाग से बचाये रखना होता है।
कुछ शब्द और उनके अर्थ  समय के साथ बदल जाते है लेकिन उनकी मूल अर्थ कभी नही बदलता बदलती है तो सिर्फ सभ्यताएं, सोच और और नज़रिया।
ये छोटे छोटे शब्द अपने साथ कई ऐतिहासिक दास्तां लिए चलते है इन छोटे शब्दो के अर्थ बड़ी बड़ी कहानियों का आधार बनते है ये किसी भी वयक्ति के जीवन मूल्यों में शामिल होकर उसका जीवन सार्थक कर सकते हैं संघर्ष, सत्य, प्रेम सब विश्वास नामक धागे से बंधे हुए है अगर विश्वास टूटा तो सब बिखर जाएगा।
आज जब हम एक दूसरे से अलग थलग अपना गुज़र बसर कर रहे है  मिलने का मकसद सिर्फ अपना  काम साधना होता है तब ये विश्वास स्वयं के अस्तित्व को रिश्तों के बीच ढूंढता फिरता है।
जहां विश्वास है वहाँ प्रेम है, सहयोग है, सौहार्द है जो ये एहसास दिलाता है कि हम अभी भी अपने  मानव होने के परम धर्म से जुड़े हैं।
प्रेम, शालीनता, मधुर वाणी आंतरिक द्वेष और बाहरी कटुता को समाप्त करने के लिए बहुत छोटी कोशिश है लेकिन परिणाम आने वाले समय मे मानवता के मूल्यों से अगली पीढ़ी का परिचय करायेगा।
कटुता, हिंसा, स्वार्थ, घृणा, के इस युग में कही प्रेम, सहयोग की ज्योति जल रही है जो खुद को जला कर सब को रोशनी देते हुए उम्मीद, विश्वास रखने, नई शुरुआत करने का संदेश दे रही हैं। ये ज्योति सबके हृदय में है ज़रूरत है बस इसे जलाने की और उजाले में अपनी वास्तविकता देखने की।