जानिए क्यों है यूपी देश का पहला एक्सप्रेस प्रदेश

Share

– उत्तर प्रदेश राज्य में अब सबसे ज्यादा एक्सप्रेस – वेज की संख्या

– आगे भी कई परियोजनाओं की तैयारी चल रही युद्ध स्तर पर

पूरे भारत में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने बेहतर परिवहन और बेहतर कनेक्टिविटी पर खास ध्यान देना शुरू किया है। सभी राज्य ज्यादा से ज्यादा और अच्छे से अच्छा परिवहन लोगों को देने की होड़ में दौड़ रहे हैं। इसी रेस में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार थोड़ी सी आगे होती नजर आ रही है।

16 नवंबर को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की जनता को प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा एक और बड़े और बेहतर एक्सप्रेस – वे की सौगात दी  गई। पूर्वांचल एक्सप्रेस – वे (Purvanchal Expressway) के उद्घाटन के साथ उत्तर प्रदेश, पूरे भारत देश में, सबसे अधिक एक्सप्रेस – वे वाला राज्य बन गया। साथ ही,  प्रदेश सरकार को भविष्य के लिए प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस – वे (Ganga Expressway) के लिए  21 नवंबर को पर्यावरण मंजूरी दे दी गई । गंगा एक्सप्रेस – वे के साथ-साथ बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस – वे (Gorakhpur Link Expressway) पर भी काफी तेजी से कार्य प्रगति पर है।

क्यों खास है पूर्वांचल एक्सप्रेस – वे ?

पूर्वांचल एक्सप्रेस – वे (Purvanchal Expressway) उत्तर प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी भाग की कनेक्टिविटी को और भी बेहतर और तेज बनाएगा। यह गाजीपुर (Gazipur) जिले को राज्य की राजधानी लखनऊ (Lucknow) से सीधा जोड़ेगी। एक्सप्रेस – वे की कुल लंबाई 341 किमी (341 Km) है, जिसे 36 महीनों में बनाकर पूरा किया गया है। इस एक्सप्रेस – वे के बनने के बाद अब नोएडा (Noida) से गाजीपुर (Gazipur) का सीधा कनेक्शन बन पाएगा, जो लोगों को अधिक आराम देगा।

इस एक्सप्रेस – वे से राज्य के नौ महत्वपूर्ण जिले आपस में आसानी से कनेक्ट हो गए है, जिनमें लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर शामिल हैं। छः लेन वाले इस एक्सप्रेस – वे के जरिए गाजीपुर से लखनऊ का सफर 4:30 घंटे में, लखनऊ से आगरा का सफर 3:30 घंटे में और आगरा से नोएडा का सफर 2:30 घंटे में पूरा हो जाएगा।

रोड पर ही बनाया रनवे

पूर्वांचल एक्सप्रेस – वे पर सुल्तानपुर (Sultanpur) जिले के पास 3.2 किमी (3.2 Km) लंबा रनवे भी  बनाया गया है। इस आधुनिक रनवे पर लड़ाकू विमान तक लैंड कर सकते हैं। एक्सप्रेस – वे के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर एक कार्गो शिप में लैंड किया था।

भविष्य की एक्सप्रेस – वे योजनाएं भी हैं खास

उत्तर प्रदेश में आम लोगों के लिए प्रस्तावित अन्य एक्सप्रेस – वे भी अपने आप में खास हैं। जैसे, मेरठ (Merut) से प्रयागराज (Prayagraj) के लिए प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस – वे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस – वे होगा। इसके निर्माण के लिए पर्यावरण मंजूरी भी दे दी गई है। इसकी लंबाई कुल 594 किमी होगी। इसकी अनुमानित लागत लगभग 36,230 करोड़ रुपए है। इसके पूरा होने से देश भर के कुल 12 जिलें और 519 गांव आपस में जुड़ सकेंगे।

बुंदेलखंड एक्सप्रेस – वे का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। 296 किमी की लंबाई वाला यह एक्सप्रेस – वे चित्रकूट (Chitrakut) से इटावा (Itawa) जिले को जोड़ेगा। इसकी लागत कुल 14,849 करोड़ रुपए आएंगे। इस एक्सप्रेस – वे से चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा आपस में जुड़ पाएंगे।

प्रदेश सरकार का स्पेशल विकास के लिए स्पेशल फंड

2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर योगी जी का प्रदेश के विकास पर खास ध्यान आकर्षित हुआ है। इस काम के लिए उन्होंने स्पेशल फंड भी जारी किया है। प्रदेश सरकार खासतौर से बेहतर परिवहन और कनेक्टिविटी पर ज्यादा ध्यान दे रही है।

कुल 81,000 करोड़ की लागत से बन रहे फ्रेट कॉरिडोर (Freight Corridor) पर काम काफी तेजी से चल रहा है। 7,725 करोड़ की लागत से ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स एंड ट्रांसपोर्ट टर्मिनल (Multi Model Logistics and Transport Turminal)  बन रहा है। 30,274 करोड़ रुपए की लागत से आरआरटीएस (RRTS) पर काम चल रहा है, जेवर में 20,000 करोड रुपए की लागत से नोएडा इंटरनेशनल ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट (Noida International Greenfield Airport) बनाया जा रहा है, 1,71,000 करोड़ की लागत से दिल्ली – जेवर – वाराणसी हाई स्पीड रेल लिंक परियोजना पर काम चल रहा है और 20,000 करोड़ रुपए के निवेश से बन रहे डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (Defence Industrial Corridor) पर भी काम काफी तेजी से चल रहा है।