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कैराना उपचुनाव सहित अन्य स्थानों पर क्यों खराब हुई EVM ?

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देश की 4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए आज 28 मई 2018 को मतदान हो रहा है. जिनके नतीजे 31 मई को आयेंगे. सभी जगह सुबह से ही मतदाता वोटिंग के लिए कतार में लगे हुए हैं.
इसी बीच कुछ जगहों से ईवीएम में ख़राबी की खबर आई है. उत्तरप्रदेश के कैराना लोकसभा और नुरपूर विधानसभा के लिए हो रहे उपचुनावों में कई जगहों से ईवीएम में खराबी की भारी शिकायतें आई हैं, जिसके चलते वोटिंग प्रभावित हुई है.


अकेले नूरपुर विधानसभा में 140 तो कैराना लोकसभा में 130 मशीनों के खराब होने की सूचना है. ईवीएम और वीवीपैट में खराबी की शिकायतों के बाद विपक्ष ने इसे बीजेपी की साजिश बताया है. कैराना से आरएलडी उम्मीदवार तबस्सुम हसन ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शिकायत की है.


वहीं महाराष्ट्र के भंडारा-गोंदिया लोकसभा के 35 पोलिंग स्टेशनों पर ईवीएम में खराबी की शिकायत के बाद वोटिंग कैंसल कर दी गई है
महाराष्ट्र की एक और सीट पालघर में EVM की ख़राबी के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने खराबी के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, पहले लोग बूथ कैप्चर करते थे और उनके हाथ में ईवीएम की चाबी ही आ गई है. शिवसेना के गढ़ पालघर में वोटिंग परसेंटेज कम करने के लिए जानबूझकर खराब मशीनें लगाई गई. हमारे नेता चुनाव प्रचार के दौरान इसी साम दाम, दंड भेद की बात की थी. उन्होंने कहा कि आज सरकारी तंत्र का दुरुपयोग हो रहा है. हमारे नेता शिकायत लेकर इलेक्शन कमीशन पहुंच रहे हैं.
कैराना लोकसभा सीट से आरएलडी उम्मीदवार तबस्सुम हसन ने अपना वोट डाला. इस दौरान उन्होंने कहा, ‘हर जगह मशीनों से छेड़छाड़ की जा रही है. मुस्लिम और दलित बहुल इलाकों में खराब ईवीएम नहीं बदले गए. वे (बीजेपी) सोचते हैं कि इस तरह से वे चुनाव जीत जाएंगे, लेकिन यहां ऐसा नहीं होने जा रहा.’


उत्तर प्रदेश में राजनीतिक रूप से अहम कैराना सीट के अलावा महाराष्ट्र के भंडारा-गोंदिया और पालघर संसदीय सीटों और नगालैंड लोकसभा सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं.

कैराना में बीजेपी का मुकालबा विपक्ष के गठबंधन उम्मीदवार से है. राष्ट्रीय लोकदल की प्रत्याशी तबस्सुम हसन को सपा, कांग्रेस और बसपा का समर्थन हासिल है जबकि बीजेपी ने स्वर्गीय हुकुम सिंह की बेटी मृंगाका सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है.


महाराष्ट्र में सभी चार बड़ी पार्टियां कांग्रेस, बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी उपचुनाव के लिए पूरा दम लगा रही हैं क्योंकि इन उपचुनाव के नतीजों का असर भविष्य में देखने को मिल सकता है.
पलुस कादेगांव (महाराष्ट्र), नूरपुर (यूपी), जोकीहाट (बिहार), गोमिया और सिल्ली (झारखंड), चेंगानूर (केरल), अंपति (मेघालय), शाहकोट (पंजाब) थराली (उत्तराखंड) और मेहेशतला (पश्चिम बंगाल) विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव हो रहे हैं.