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भारत में बढ़ता भ्रष्टाचार और घटती प्रेस की आज़ादी ?

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भारत में आए दिन भ्रष्टाचार का कोई न कोई मामला सामने आता रहता है, तमाम सरकारें भ्रष्टाचार को रोकने में विफल रही हैं. दुनिया के भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के मुताबिक भ्रष्टाचार में भारत का स्थान हर साल बढ़ता जा रहा है.

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा जारी किए गए ‘वैश्विक भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक’ में भारत को 81 वें पर रखा है. एशिया प्रशांत क्षेत्र में भ्रष्टाचार और प्रेस स्वतंत्रता के मामले में सबसे खराब स्थिति वाले मामले में देश का नाम रखा गया. इस सूचकांक में सार्वजनिक क्षेत्र के भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर 180 देशों को रखा गया था जिसमें भारत को 81वें स्थान पर है.

मामूली सुधार,स्तिथि अब भी खराब

भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकारों को एक सशक्त संदेश देने के उद्देश्य से 1995 में शुरू किए गए इस सूचकांक में 180 देशों की स्थित का आकलन किया गया है. यह सूचकांक विश्लेषकों, कारोबारियों और विशेषज्ञों के आकलन और अनुभवों पर आधारित बताया जाता है.इसमें पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं के लिए काम की आजादी जैसी कसौटियां भी अपनायी जाती हैं.
सूचकांक 0 से 100 के पैमाने का उपयोग करता है, जहां 0 अत्यधिक भ्रष्ट को दिखाता है वहीं नंबर 100 बहुत भ्रष्टाचारमुक्त को बताता है.इस बार की सूची में भारत को 40 अंक दिए गए हैं, जो पिछले साल के ही बराबर ही है पर 2015 के बाद स्थिति में सुधार हुआ जबकि भारत को 38 अंक दिया गए थे.

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने आगे कहा, “एशिया प्रशांत के कुछ देशों में, पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, विपक्षी नेताओं और यहां तक कि कानून प्रवर्तन या निगरानी एजेंसियों के कर्मचारियों को जान मारने तक की धमकी दी जाती है और यहां तक कि कुछ सबसे खराब मामलों में भी उनकी हत्या भी कर दी जाती है.

भारत,मालदीव,फिलिपीन में हालात चरम पर

  • रिपोर्ट  में कमेटी टू प्रोटेक्स जर्नलिस्ट्स का हवाला दिया गया है.
  • रिपोर्ट में भारत की तुलना फिलीपीन और मालदीव जैसे देशों के साथ की गयी है और कहा गया है कि ‘ इस मामले में ये देश अपने क्षेत्र में बहुत ही खराब हैं.
  • भ्रष्टाचार के मामले में इन देशों के अंक ऊंचे हैं
  • इनमें प्रेस की आजादी अपेक्षाकृत कम और यहां पत्रकारों की हत्याएं भी ज्यादा हुई हैं.
  • इन देशों में छह साल में 15 ऐसे पत्रकारों की हत्या हो चुकी है जो भ्रष्टाचार के खिलाफ काम कर रहे थे.
  • इस सूची में न्यूजीलैंड और डेनमार्क 89 और 88 अंक के साथ सबसे ऊपर हैं. दूसरी तरफ सीरिया, सूडान और सोमालिया क्रमश: 14, 12 और 9 अंक के सबसे नीचे हैं.इस सूची में चीन 77वें और ब्राजील 96वें और रूस 135वें स्थान पर हैं.

पिछले 6 सालों में 10 में से 9 पत्रकारों की कर दी गयी हत्या

  • इन परिणामों से ये भी निकल कर आया कि प्रेस और गैर-सरकारी संगठनों की कम सुरक्षा वाले देशों में भ्रष्टाचार की स्थिति सबसे बुरी है.
  • सीपीजे के आंकड़ों के हवाले से बताया गया कि पिछले छह सालों में, 10 में 9 पत्रकारों को उन देशों में मार दिया गया, जिन्होंने सूचकांक पर 45 या उससे कम अंक हासिल किया था.
  • ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल मैनेजिंग डायरेक्टर पॅट्रीसिया मोरेरा ने कहा, “किसी भी कार्यकर्ता या रिपोर्टर को भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने पर डरना नहीं चाहिए.
  • दुनिया भर में सिविल सोसायटी और मीडिया पर होने वाले मौजूदा अपराधों को देखते हुए हमें उन लोगों की रक्षा करने की जरूरत है.”