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'हेल्थ केयर स्कीम' को पी. चिदंबरम ने कहा परफेक्ट जुमला

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मोदी सरकार के आखिरी बजट को लेकर विपक्ष की तमाम प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं. इस बीच यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम ने सरकार की नई हेल्थकेयर स्कीम पर बयान दिया है. चिदंबरम ने बजट में सरकार की ओर से पेश की गई नई हेल्थकेयर स्कीम को ‘जुमला’ करार दिया है.
चिदंबरम ने हेल्थकेयर स्कीम को जुमला बताने के पीछे तर्क भी दिया है. पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में स्कीम का तो ऐलान किया गया, लेकिन इसके लिए सरकार ने बजट का आवंटन नहीं किया.

कल मैंने कहा था कि नई हेल्थ केयर स्कीम जुमला है, जिसके लिए बजट में धन आवंटित नहीं किया गया है. आज, वित्त मंत्री ने भी स्वीकार किया कि स्कीम के लिए कोई बजट उपलब्ध नहीं कराया गया है. वह भविष्य में धन का प्रबंध करेंगे. ये पक्का जुमला है.

बिना डोर कैसे उड़ेगी पतंग

चिदंबरम ने सरकार की नई हेल्थकेयर स्कीम को बिना डोर वाली पतंग बताया. चिदंबरम ने कहा है, ‘बिना पैसे के योजना, मतलब बिना डोर के पतंग. पतंग उड़ाने वाला कहेगा कि पतंग उड़ रही है लेकिन पतंग तो है ही नहीं और कुछ उड़ेगा भी नहीं.’

‘जेटली राजकोष(फिजक्ल) मजबूत बनाने की परीक्षा में फेल रहे’

पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने आगे कहा कि 2018-19 के बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली राजकोषीय मजबूती की परीक्षा में फेल हुए हैं और इसके गंभीर परिणाम सामने आएंगे.
उन्होंने कहा कि 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.2% पर रखा गया था लेकिन इसके 3.5% पर पहुंचने का अनुमान है. जेटली के बजट भाषण खत्म करने के बाद अपनी प्रतिक्रिया में चिदंबरम ने कहा, ‘‘वित्त मंत्री राजकोषीय मजबूती की परीक्षा में विफल रहे हैं और इसके गंभीर परिणाम होंगे.”