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नेशनल मेडिकल बिल – हड़ताल में हैं, देश भर के डॉक्टर

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नेशनल मेडिकल बिल बनाने के सरकार के नए प्रस्ताव के खिलाफ आज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े देश के 3 लाख से अधिक डॉक्टर हड़ताल पर जा रहे हैं.

  • सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ये हड़ताल रहेगी. सभी प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों के ओपीडी बंद रहेंगे.
  • एक दिन की इस हड़ताल से मरीजों को कितनी परेशानी होगी इसकी अंदाजा लगाया जा सकता है.परन्तु इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी.
  • आपको ज्ञात करवा दें कि, सरकार ने पिछले शुक्रवार को संसद में  एनएमसी बिल पेश किया था और सदन में आज इस बिल पर चर्चा हो सकती है.
  • सरकार इस बिल के जरिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एम सी आई ) की जगह नई बॉडी नेशनल मेडिकल कमीशन यानि (एन एम सी ) बनाना चाहती है. इसलिए आईएमए ने इसके खिलाफ आज काला दिवस मनाने की घोषणा की है.

बिल से और क्या बदलाव होगा?

  • पहले प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 15 फीसदी सीटों की फीस मैनेजमेंट तय करती थी, लेकिन अब नए बिल के मुताबिक मैनेजमेंट 60 फीसदी सीटों की फीसद तय कर पाएगा.
  • बिल में अल्टरनेटिव मेडिसिन (होम्योपैथी, आयुर्वेद, यूनानी) की प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों के लिए एक ब्रिज कोर्स का प्रपोजल रखा गया है. वहीं, प्रैक्टिस के बाद आयुष डॉक्टर्स मॉडर्न मेडिसिन की प्रैक्टिस भी कर सकेंगे.

बिल का विरोध क्यों ?

आईएमए के मुताबिक-

“इस बिल में ऐसे प्रोविजन्स हैं, जिससे आयुष डॉक्टर्स को भी मॉडर्न मेडिसिन प्रैक्टिस करने की परमिशन मिल जाएगी, जबकि, इसके लिए कम-से-कम एमबीबीएस क्वालिफिकेशन होनी चाहिए.

आईएमए के पूर्व प्रेसिडेंट केके अग्रवाल के मुताबिक, इस विधेयक का इसलिए विरोध कर रहे हैं –

  • क्योंकि इससे निजी मेडिकल कॉलेजों का दबदबा और बढ़ जाएगा.
  • नए मेडिकल कॉलेज की अनुमति लेने की प्रक्रिया में कोई कठोर नियम नहीं होंगे.
  • निजी मेडिकल कॉलेज अपने हिसाब से सीटों की संख्या बढ़ा सकेंगे.
  • 40 प्रतिशत सीटों की फीस सरकार तय करेगी
  • 60 फीसदी सीटों की फीस निजी मेडिकल कालेज तय कर सकेंगे.
  • इससे चिकित्सा शिक्षा महंगी होगी और आम घरों के बच्चों का डॉक्टर बनने का सपना और मुश्किल हो जाएगा.
  • उन्होंने कहा कि मेडिकल शिक्षा मंहगी होने का असर मरीज पर पड़ेगा.