T-20 वर्ल्ड कप में धोनी की वापसी

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Nidhi Arya

आईसीसी  T-20 वर्ल्ड कप में मार्गदर्शक (मेंटाॅर) के रूप में धोनी की वापसी को लेकर बीसीसीआई ने अपनी चुप्पी तोड़ दी है। बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने मीडिया से बातचीत के दौरान सारी अटकलों से पर्दा हटाते हुए साफ किया कि संयुक्त अरब अमीरात में अक्टूबर में होने वाले आईसीसी T-20 वर्ल्ड कप में धोनी ही एक ऐसे खिलाड़ी हैं। जिनकी रणनीति से T-20 वर्ल्ड कप जीतना आसान हो सकता है।

उनका कहना है कि महेंद्र सिंह धोनी एक बेहतर खिलाड़ी तो रहे हैं साथ ही उनकी कप्तानी में बेहतर रणनीति के साथ टीम इंडिया ने कई आईसीसी वर्ल्ड कप और खिताब अपने नाम किए हैं। यूएई में होने वाले T-20 वर्ल्ड कप में भारतीय क्रिकेट टीम को धोनी से बहुत फायदा मिलेगा।

40 वर्ष के धोनी ने 15 अगस्त 2020 को सन्यास का ऐलान कर दिया था। उन्हें आखिरी बार 2019 के विश्व सेमीफाइनल में देखा गया था। जिसमें भारतीय टीम का मुकाबला न्यूजीलैंड के साथ था।  न्यूजीलैंड से हारने के बाद भारतीय टीम टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी।

धोनी से बेहतर मार्गदर्शक कोई नहीं-

धोनी अपनी कप्तानी को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहे हैं। उनकी कप्तानी में किसी भी खिलाड़ी को असुरक्षित महसूस नहीं हुआ। अक्सर देखा जाता है कि खिलाड़ी अपने स्थान को लेकर असहज रहते हैं। लेकिन उनकी कप्तानी में हमेशा से यही देखा गया है कि टीम में कोई भी फेरबदल नहीं किया जाता था। उनकी टीम में हमेशा से ही ऐसे खिलाड़ी मौजूद होते थे जोकि बड़े मुकाबले में रन बनाते थे। उन्हें पता है टीम के किस खिलाड़ी को कहां और किस टाइम खेलने के लिए बोलना है।

 धोनी की कप्तानी की अगुवाई में भारत ने 2007 T-20 वर्ल्ड कप, 2010 और 2016 एशिया कप, 2011 वर्ल्ड कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता है। आईसीसी में धोनी ने क्रिकेट टीम को बहुत से ऐतिहासिक पल दिए हैं। जिसमें भारत के लिए 98 T-20 इंटरनेशनल मैचों में 37.60 की औसत से 1617 रन बनाए हैं, 2 अर्धशतक भी इसमें मौजूद है।

कोहली आईसीसी ट्रॉफी के असफल कप्तान रहे-

यूएई T-20 वर्ल्ड कप भारतीय टीम के जाने से पहले विराट कोहली की कप्तानी को लेकर भी खबर आई थी कि वह भी अपनी कप्तानी छोड़ रहे हैं। जिससे यह भी कयास लगाए गए। क्या बीसीसीआई ने जबरन कोहली को कप्तानी छोड़ने पर विवश किया था। जिस पर बीसीसीआई ने साफ इंकार कर दिया है।

कोहली की अगुवाई वाली टीम ने लगातार वर्ल्ड कप में हार के सिवा कुछ हासिल नहीं किया है। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम एक भी बड़ा टूर्नामेंट नहीं जीत सकी। जैसे 2017 में आईसीसी चैंपियनस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान से हार मिली, 2019 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में फिर से न्यूजीलैंड ने हरा दिया। इसके बाद 2021 आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप भी इनके हाथों से निकल गई।

धोनी के बेहतरीन अनुभव और विश्व स्तरीय खिलाड़ी के अनुभव के तौर पर बीसीसीआई द्वारा उन्हें मार्गदर्शक के रूप में चुना जाना आईसीसी टूर्नामेंट के लिए सही फैसला साबित हो सकता है। अक्टूबर में यूएई में होने वाले t20  वर्ल्ड कप जीतने के लिए टीम इंडिया को एक बेहतरीन रणनीति की जरूरत होगी। धोनी की रणनीति आईसीसी टूर्नामेंट में हमेशा कारगर साबित हुई है।